स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने राज्य के सभी शिक्षा मंडलों के समन्वयकों, प्राचार्यों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की “सहविचार बैठक” आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य के सभी बोर्डों की स्कूलों में मराठी भाषा का अध्ययन और अध्यापन अनिवार्य होना चाहिए, साथ ही राज्यगीत का गायन भी किया जाना चाहिए।
मंत्री भुसे ने आगे कहा कि ICSE, CBSE और केंब्रिज बोर्ड की स्कूलों की दसवीं की मार्कशीट पर भी मराठी विषय शामिल होना चाहिए, इसके लिए संबंधित बोर्डों के साथ पत्राचार किया जाएगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जैसे राज्य बोर्ड में छत्रपती शिवाजी महाराज के जीवन और कार्य से संबंधित पाठ्यक्रम है, वैसे ही ICSE बोर्ड की पुस्तकों में भी यह विषय जोड़ा जाना चाहिए।
भुसे ने कहा कि विद्यार्थियों में “राष्ट्र प्रथम” की भावना विकसित होनी चाहिए और “एक पेड़ माँ के नाम” इस पहल को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बेहतर सुविधाओं वाली अन्य बोर्ड की स्कूलों को मराठी माध्यम की स्कूलों का मार्गदर्शन करना चाहिए।
इस बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव रणजीत सिंह देओल, शिक्षा आयुक्त सच्चिंद्र प्रताप सिंह, राज्य शैक्षणिक संशोधन एवं प्रशिक्षण परिषद के संचालक राहुल रेखावार, उपसचिव तुषार महाजन, मुंबई विभागीय शिक्षा उपसंचालक राजेश कंकाळ, तथा CBSE, ICSE और इंटरनेशनल बोर्ड की कई स्कूलों के समन्वयक और प्राचार्य उपस्थित थे।