महावितरण की सात बिजली कर्मचारी संघटनाओं की संयुक्त कार्रवाई समिति ने 9 से 11 अक्टूबर तक हड़ताल का आह्वान किया है। इस तीन दिवसीय हड़ताल के दौरान बिजली आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए महावितरण की ओर से आपातकालीन योजना पूरी कर ली गई है और राज्यभर में तंत्र तैयार रखा गया है। साथ ही गंभीर कारणों को छोड़कर सभी अभियंताओं, अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियाँ रद्द कर दी गई हैं। छुट्टी पर गए कर्मचारियों को तुरंत काम पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रबंधन की ओर से बार-बार सकारात्मक चर्चा और अपील किए जाने के बावजूद संयुक्त कार्रवाई समिति ने हड़ताल का फैसला कायम रखा है। चूंकि बिजली एक अत्यावश्यक सेवा है, इसलिए नागरिकों को असुविधा न हो, इसके लिए महाराष्ट्र अत्यावश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (#MESMA) लागू किया गया है, जिसके तहत यह हड़ताल अवैध घोषित की गई है।
हड़ताल के दौरान नागरिकों से अपील की गई है कि वे बिजली आपूर्ति को लेकर किसी भी नकारात्मक या भ्रामक संदेश पर विश्वास न करें। बिजली आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए वैकल्पिक तंत्र युद्धस्तर पर दिन-रात तैयार रहेगा। बिजली आपूर्ति से संबंधित किसी भी शिकायत या समस्या के लिए नागरिक 24 घंटे उपलब्ध टोल-फ्री नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ता बिजली से जुड़ी शिकायतों के लिए केंद्रीय ग्राहक सेवा केंद्र के 1912, 1800-212-3435 या 1800-233-3435 इन टोल-फ्री नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।
महावितरण ने नागरिकों से अपील की है कि हड़ताल के दौरान बिजली सेवा देने वाले अभियंताओं और कर्मचारियों को पूरा सहयोग दें।